पिछले 2 महीनें से चल रहे किसान आंदोलन के बीच अब सिंघु बॉर्डर पर बवाल हो रहा है। आज दोपहर करीब 1 बजे नरेला की तरफ से आए लोग धरनास्थल पर पहुंचे और नारेबाजी करते हुए किसानों से बॉर्डर खाली करने की मांग करने लगे। लोगों के मुताबिक, किसान आंदोलन के चलते लोगों के कारोबार ठप हो रहे हैं। करीब 1.45 बजे ये लोग किसानों के टेंट तक पहुंच गए और उनके सामान तोड़ दिए। इसके बाद किसानों और लोगों के बीच झड़प शुरू हो गई। दोनों ओर से पथराव भी हुआ।
पुलिस ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ते देख लाठीचार्ज कर दिया और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस झड़प में कई लोगों को चोटें आई हैं। वही, कुछ पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोटें लगी हैं। वहीं यह भी खबर है कि एक पुलिसकर्मी पर तलवार से हमला किया गया है।
इससे पहले किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि 'केंद्र सरकार RSS के लोगों को भेजकर किसानों के धरनास्थल पर माहौल बिगाड़ रही है। कल (गुरुवार) उन्होंने दो बार ऐसा किया। कृषि कानूनों की वापसी होने तक हम वापस नहीं जाएंगे।'
उधर, सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। धरनास्थल को चारों तरफ से ब्लॉक कर पक्के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। उधर, टीकरी बॉर्डर पर भी भारी फोर्स तैनात है। क्योंकि, ये दोनों बॉर्डर ही किसान आंदोलन के अहम पॉइंट हैं।
बतां दें कि इससे पहले किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान कर चुके राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी टिकैत से मिलने शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने कहा कि 'प्रशासन पर किसानों को हटाने का दबाव हो सकता है, लेकिन किसान हटना नहीं चाहते। किसानों का मुद्दा संसद में उठना चाहिए। वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उधर, दिल्ली सरकार के दूसरे मंत्री सत्येंद्र जैन और विधायक AAP के विधायक राघव चड्ढा ने सिंघु बॉर्डर पर जाकर व्यवस्थाएं देखीं।