26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली गई ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद सरकार ने भी सख्ती दिखाई, टिकरी बाॅर्डर पर दिल्ली पुलिस ने नुकीली किलें साथ ही कंटीली तारें बिछा दी है। वहीं, इन सब के बीच भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को संकेत दिया कि सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध अक्टूबर से पहले खत्म नहीं होने जा रहा है। टिकैत ने कहा कि हमारा नारा है, ''कानून वापसी नहीं, तो घर वापसी नहीं।'' उन्होंने आगे बताया कि यह आंदोलन जल्द समाप्त नहीं होगा।
बतां दें कि दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य जगहों के किसान कानूनों के विरोध में पिछले दो महीनों से ज्यादा समय से आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग इन कानूनों को वापस लेने के अलावा, एमएसपी पर कानून बनाने की है। किसानों का दावा है कि सरकार ने ये कानून चंद उद्योगपतियों की मदद करने के लिए लाई है, जबकि केंद्र कानूनों को कृषि सेक्टर में सुधार लाने के लिए बताती रही है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि हमने सरकार को बता दिया कि यह आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे। बातचीत भी चलती रहेगी। नौजवानों को बहकाया गया है और उनको लाल किले का रास्ता बताया गया कि पंजाब की कौम बदनाम हो। किसान कौम को बदनाम करने की कोशिश की गई है।
Shiv Sena leaders including party MPs Arvind Sawant and Sanjay Raut meet Bharatiya Kisan Union leader Rakesh Tikait at Ghazipur (Delhi-Uttar Pradesh) border. pic.twitter.com/KC4ZZDhJPG
— ANI (@ANI) February 2, 2021
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